शिक्षा की मनोवैज्ञानिकता एवं साहित्य विषय के अंतिम चरण का राष्ट्रीय बेबीनार कार्यक्रम हुआ सम्पन्न।

मड़िहान (मिर्जापुर)


एस.एस.पी.पी. डी.पी.जी. कॉलेज, तिसुही, मड़िहान,मीरजापुर, उत्तर प्रदेश के द्वारा आयोजित "शिक्षा और साहित्य" पर आधारित सेमिनार संपन्न हुआ जिसमें देश के  विभिन्न प्रांतों से लगभग 775 शिक्षाविद सम्मिलित हुए। संयोजक के रूप में डॉक्टर भुवनेश्वर द्विवेदी, (प्राध्यापक-हिन्दी) ने वेबिनार कार्यक्रम को संचालित किया।  खुद डॉ. द्विवेदी ने कार्यक्रम के अंतिम चरण में अपने वक्तव्य में शिक्षा की मनोवैज्ञानिकता एवं साहित्य विषय पर कहा कि - हमें अपने जीवन-साहित्य और मनोवैज्ञानिकता में संतुलन स्थापित करना चाहिए साथ ही प्रकृति से संतुलन बनान जीवन के लिए बहुत आवश्यक है।

आज कोरोना जैसी महामारी की विभषिका कहीं न कहीं हमें प्रकृति से असंतुलित होने का संकेत है। विश्व बंधुत्व की भावना और जीवन में सरसता का होना, जीवन की जीवंतता को प्रदर्शित करता है।वेबिनार में सोनभद्र से "सर्च लुक" शोध पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ. बृजेश कुमार सिंह "महादेव" भी प्रतिभाग किए।  वैदिक विश्वविद्यालय, भोपाल से प्रोफेसर निलिम्प त्रिपाठी ने अपने प्रभावी वक्तव्य से सभी को अभिसिंचित किया । उन्होंने बताया कि मनुष्य की मनोवैज्ञानिकता का निर्माण पारिवेशिक एवं भावों पर आधारित होती है और इसमें साहित्य की अहम भूमिका होती है। बिना साहित्य के मनुष्य जीवन अधूरा सा रहता है और वह अपनी जीवन शैली को वांछित रूपेण परिमार्जित नहीं कर सकता। प्रो. त्रिपाठी ने विविध कथानकों के माध्यम से शिक्षा की मनोवैज्ञानिकता एवं साहित्य विषय पर अपना मौलिक विचार प्रस्तुत किया । दिल्ली से डॉ. नीलम पाण्डेय ने अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया।हरियाणा से डॉक्टर प्रेरणा पंडित का वक्तव्य बहुत ही प्रेरणाप्रद एवं प्रभावी रहा। कोलकाता, वेस्ट बंगाल से डॉ. प्रतिष्ठा विश्वास ने शिक्षा के आमूल-चूल के विवरणात्मक विवेचन को प्रस्तुत किया। गोवा से डॉक्टर शुभ्रता मिश्र ने अपने वक्तव्य में शिक्षा की मनोवैज्ञानिकता को वैज्ञानिक तरीके से प्रभावी रूप में प्रस्तुत किया।   वेबिनार के इस कार्यक्रम में डॉ. श्यामास्री सुर, सहायक प्राध्यापक, सिद्धिनाथ महाविद्यालय , पश्चिमी बंगाल, अमरजीत कौर, सहायक प्राध्यापक, गुरुदासपुर, पंजाब, डॉ .सरिता शुक्ल, प्राध्यापक -हिंदी, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, फैजाबाद से डॉक्टर अजय,   झारखंड से डॉ, राजेश कुमार प्रमाणिक ने अपने प्रखर विचार रखें। डॉ. श्वेता, डॉ. शहनाज, डॉ. सरला कुमारी, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. सुधा,  डॉक्टर सोमनाथ त्रिपाठी, डॉ. सुमन देवी, डॉ. किरण मोदी, डॉक्टर अभिजीत, डॉक्टर जय श्री,  डॉक्टर. अजीत,  डॉ महफूज,  डॉ. प्रिया नायडू, डॉ. श्याम, डॉक्टर मनीषा, डॉक्टर विनोद, डा. भूरालाल, डॉक्टर संतोष, डॉक्टर सुनील, डॉ. वैभव, डॉ रंजीत, डॉक्टर सुधीर,डॉक्टर योगेश त्रिपाठी, डॉ. मेघना राय, डॉ.नीलम राठी, डॉ.प्रदीप कुमार शुक्ला,  डॉ. राजेश गुप्ता, डॉ. आभा द्विवेदी, आदि ने वेबिनार कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के डॉ. भुवनेश्वर द्विवेदी ने सभी अभिवादन एवं आभार व्यक्त करते हुए ऐसे बौद्धिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए सभी को आह्वानित किया तथा इस विषय पर सभी से आलेख के लिए आग्रह किया।

                 - गौतम विश्वकर्मा की रिपोर्ट 

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