कृषि को मनरेगा से जोड़ने हेतु जदयू ने की मांग

सोनभद्र 
सेवा में,             
मा0 प्रधानमंत्री जी,
भारत सरकार, नई दिल्ली।
                 ज्ञापन द्वारा- जिलाधिकारी, सोनभद्र
विषयः मनरेगा मजदूरों को मुफ्त में राशन व पैसा देने की बजाय कृषि को मनरेगा से जोड़े जाने के संबंध में।
महोदय,
ससम्मान अवगत कराना है कि इन दिनों पूरे विश्व के साथ- साथ भारत भी कोविड- 19 (कोरोना) से बुरी तरह से प्रभावित है। ऐसे में यह सिद्ध हो चुका है कि जब सारे काम- धंधे बंद हो चुके हैं या बंद होने के कगार पर चल रहे हैं। तब केवल कृषि क्षेत्र ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र बचा है, जो न केवल पूरे देश को भोजन उपलब्ध करा रहा है। अपितु रोजगार के ढेर सारे अवसर भी गांवों में उपलब्ध करा रहा है। ऐसे में यदि मनरेगा को अविलंब कृषि से जोड़ दिया जाय तो न केवल किसानों को भी काफी राहत मिल सकेगी। अपितु मजदूरों को रोजगार भी मिलेगा और भारत सरकार व अन्य समस्त संबंधित राज्य सरकारों को अनावश्यक रूप से मजदूरों को मुफ्त में राहत सामग्री बांटने से भी निजात मिलेगी। क्योंकि मजदूरों में मुफ्तखोरी की बढ़ती आदत से न केवल मजदूरों में काम करने की प्रवृत्ति का विनाश होगा, अपितु गांवों में होने वाली कृषि भी बुरी तरह से प्रभावित होगी। यदि एक बार कृषि पर भारी प्रतिकूल प्रभाव पड़ गया तो निश्चित रूप से भारत बहुत तेजी से भूखमरी के कगार पर बढ़ सकता है। जबकि पहले से ही कृषि के अतिरिक्त अन्य समस्त क्षेत्रों के रोजगार बुरी तरह से प्रभावित हो चुके हैं।
अतः महोदय से जनता दल यूनाइटेड सादर आग्रह करता है कि अविलंब कृषि क्षेत्र को किसानों की जोत (प्रति एकड़ खतौनी के हिसाब से मनरेगा आई.डी. जेनरेट कर) के हिसाब से मनरेगा से जोड़ दिया जाय। जिससे न केवल मजदूरों को गांव में ही रोजगार के अवसर मिलेंगे, अपितु किसानों को भी मजदूरी के रूप में एक बहुत बड़ी आर्थिक सहायता भी मिल सकेगी।

दिनांक- 21.06.2020                                                  
प्रतिलिपि- मा0 मुख्यमंत्री जी, उ0प्र0 को सूचनार्थ।
                                           
                                   

           
               - हिन्दुस्तान जनता न्यूज की रिपोर्ट 

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