सोनभद्र
जनता दल यूनाइटेड के जिलाध्यक्ष संतोष पटेल एड0 ने गुरूवार को जिलाधिकारी समेत मुख्यमंत्री व अन्य को भेजे एक पत्रक में छात्रों से जुड़ी एक ज्वलंत समस्या की ओर संबंधितों का ध्यानाकर्षण कराते हुए मांग किया है कि कक्षा 9 से लेकर 12 तक के छात्रों की छात्रवृत्ति फार्म भरे जाने के दौरान आधार कार्ड वेरीफिकेशन में व्यावहारिक तौर पर बड़ी कठिनाइयां सामने आ रही हैं। जिसके कारण लगभग 60-70 प्रतिशत छात्र अपना छात्रवृत्ति हेतु आॅनलाइन फार्म ही नहीं भर पा रहे हैं। श्री पटेल ने जिलाधिकारी को भेजे पत्रक में कहा है कि आधार कार्ड का वेरीफिकेशन ओ.टी.पी. के माध्यम से किया जाना अति-आवश्यक शर्त रखी गयी है। जिसके कारण छात्रों को निम्नलिखित व्यावहारिक समस्याएं आ रही हैं-
1. आमतौर पर प्रारंभिक दिनों में जितने भी आधार कार्ड बनाए गए हैं, वे सब सार्वजनिक जगहों पर कैंप लगाकर बनाए गए हैं। जिसमें बड़े पैमाने पर अभ्यर्थियों के नाम व जन्मतिथियों में जाहिरी तौर पर वेंडरों द्वारा गलतियां की गयी हैं। जन्मतिथियों का आलम यह है कि तत्कालीन कैंपों में बनने वाले लगभग 80 प्रतिशत आधार कार्डों की जन्मतिथि 01 जनवरी ही हुआ करती थी, जन्मवर्ष चाहे कुछ भी हो।
2. जहां तक नामों के शुद्धता की बात है तो आलम यह है कि कैंपों में आधार कार्ड बनाते समय मध्य नाम व अंतिम नाम (टाइटल) लिखने में काफी मनमानी की गयी है। इस प्रकार उक्त दोनों (नाम व जन्मतिथि) छात्रों के स्कूली दस्तावेजों से सही मिलान नहीं हो पा रहा है।
3. तत्कालीन उक्त कैंपों में आधार कार्ड बनाते समय शायद ही किसी- किसी का मोबाइल नंबर आधार कार्ड में मेंशन किया गया हो। ऐसे में छात्रवृत्ति फार्म ओ.टी.पी. के माध्यम से आधार कार्ड वेरीफिकेशन न होने के कारण व्यावहारिक रूप से लगभग 60- 70 प्रतिशत छात्रों के समक्ष छात्रवृत्ति का फार्म भरे जाने की चुनौती सामने खड़ा हो गयी है।
4. छात्रवृत्ति फार्म में आधार कार्ड का वेरीफिकेशन तभीं सफलतापूर्वक संपन्न हो रहा है, जब छात्र का नाम व जन्मतिथि स्कूली दस्तावेज एवं आधार कार्ड में एक सा हो और छात्र के आधार कार्ड से कोई मोबाइल नंबर लिंक (जुड़ा हुआ) हो। जिस पर ओ.टी.पी. भेजी जा सके।
5. वर्तमान समय (कोविड-19 कालखंड) में समस्त आधार कार्ड अपडेशन सेंटर बंद हैं। ऐसे में अगर कोई छात्र अपना आधार कार्ड अपडेट कराना भी चाहे तो यह व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।
6. उक्त समस्त बिंदुओं के आधार पर कहा जा सकता है कि वर्तमान परिस्थितियों में वर्तमान नियमों के अधीन ही छात्रवृत्ति भरी गयी तो निश्चित रूप से 60-70 प्रतिशत छात्र अपना छात्रवृत्ति फार्म ही भरने से वंचित हो जाएंगे। जबकि पूर्व में छात्रों का केवल आधार नंबर ही मान्य था। ऐसी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर जदयू जिलाध्यक्ष श्री पटेल ने संबंधितों से मांग की है कि पुरानी व्यवस्थानुसार केवल आधार नंबर से ही छात्रवृत्ति फार्म भरे जाने की व्यवस्था बहाल कराया जाय। जिससे कि शत- प्रतिशत छात्रों को छात्रवृत्ति मिल सके। अन्यथा वर्तमान व्यवस्था में तो 60-70 प्रतिशत छात्र अपना छात्रवृत्ति फार्म भरने से ही वंचित हो जाएंगे। जो छात्रहित में कदापि न्यायोचित कदम नहीं कहा जा सकता है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन या प्रदेश सरकार एवं संबंधित अधिकारीगण इस गंभीर विषय पर कितनी सजगता प्रदर्शित करते हैं।
- गौतम विश्वकर्मा की रिपोर्ट
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