सुकृत - सोनभद्र
इस दौरान ''अशोक चक्र '' के 24 तिल्लियों के बराबर 24 दिये जलाए गए। और तथागत भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए मोमबत्ती जलाकर खीर का भोग लगाया गया तत्पश्चात अहिंसा और प्रेम की भावना से सद्भाव के जीने का संकल्प लिया गया।
इस दौरान शत्रुघ्न, प्रताप नरायन, अरविंद, बृजेश, रविन्द्र, जयप्रकाश, तेजप्रताप सिंह ( धम्माचार्य ), बलवंत ( धम्माचार्य ), कमलेश, श्रीप्रकाश, आनन्द रतन, तरूण तथा बड़ी संख्या में बौद्धिष्ट ग्रामीण भी उपस्थित रहे।
- गौतम विश्वकर्मा की रिपोर्ट
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