विंध्य संस्कृति शोध समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट द्वारा शोक सभा का आयोजन
-आजाद भारत के प्रथम चेयरमैन बलराम दास केसरवानी के पौत्र थे श्याम नारायण ।
-स्वाधीनता आंदोलन में
महत्वपूर्ण योगदान रहा श्याम नारायण के परिवार का।
-नगर सेठ हरिहर प्रसाद
(हरि सेठ) के थे जेष्ठ पुत्र।
-सेनानी पौत्र ने ली पैतृक आवास पर अंतिम सांस।
रॉबर्ट्सगंज- सोनभद्र : (जिला ब्यूरो चीफ बृजेश कुमार सिंह की रिपोर्ट)
जनपद के महान क्रांतिकारी, रईस, व्यापारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाजसेवी, आजाद भारत के प्रथम नोटिफाइड एरिया के चेयरमैन बलराम दास केसरवानी के पौत्र नगर सेठ हरिहर (हरि सेठ) के पुत्र श्याम नारायण का देहांत 20 अगस्त को उनके पैतृक आवास पर हो गया। वे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे।
विंध्य संस्कृति शोध समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट के तत्वावधान में प्रधान कार्यालय पर आज एक शोक सभा का आयोजन लोकवार्ता शोध संस्थान के सचिव डॉ अर्जुन दास केसरी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।
इस अवसर पर ट्रस्ट निदेशक दीपक कुमार केसरवानी ने कहा कि-श्याम नारायण एक मदुभाषी सीधे, सरल, इंसान थे।
इनका जन्म 13 सितम्बर 1953 ई0 को हुआ था।
जनपद के प्रख्यात महान क्रांतिकारी, रईस, व्यापारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाजसेवी, आजाद भारत के प्रथम नोटिफाइड एरिया के चेयरमैन बलराम दास केसरवानी के पौत्र एवं नगर सेठ हरिहर (हरि सेठ) के पुत्र थे।
शोक सभा में पंडित महादेव प्रसाद चौबे के प्रपौत्र वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर चतुर्वेदी ने कहा कि-क्रांतिकारी, देशभक्त सेनानी स्वतंत्रता आंदोलन में पूरे देश के लिए लड़े थे, उनमें बलराम दास जी का नाम अग्रणी है और उनके परिवार का सामाजिक, सांस्कृतिक योगदान नगर के इतिहास के स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। ऐसी स्थिति में स्वतंत्रा सेनानी बलराम दास केसरवानी के पुत्र का निधन समाज की अपूरणीय क्षति है।
शोक सभा में राजा शारदा महेश इंटर कॉलेज के पूर्व प्रवक्ता राजाराम केसरी, समाजसेवी सोहनलाल केसरी, मोहनलाल केसरी, हनुमान दास केसरी, विजय केसरी सुमित शाह, हर्षवर्धन केसरवानी, सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे और 2 मिनट का मौन रखकर मृत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना किया।
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