नव साहित्य परिवार भारत ने 'शब्दोपहार' का विमोचन कराकर ममता मनीष सिंहा को दिया जन्मदिन का उपहार
शब्दोपहार ई काव्य संकलन श्रृंखला के प्रथम संकलन का विमोचन 18 सितंबर को वरिष्ठ कवि/साहित्यकार आ. हँसराज सिंह हँस ने किया।
तोपा, रामगढ़, झारखंड की युवा कवयित्री और नव साहित्य परिवार भारत की निदेशिका श्रीमती ममता मनीष सिन्हा जी को साहित्यिक संस्था 'नव साहित्य परिवार' ने 18 सितंबर को उनके जन्मदिन पर उनकी रचनाओं के ई काव्य संकलन "शब्दोपहार" का शानदार तोहफा दिया है।
विमोचन करते हुए आ. हंस जी आ. ममता को जन्मदिन की बधाइयाँ देते हुए उनकी लेखनी और लेखन शैली की प्रशंसा करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि शब्दोपहार से शुरू हुई उनकी काव्ययात्रा मात्र शुरुआत है ,लेकिन आ.ममता जी का आत्मविश्वास जरूर बढ़ायेगी।
विमोचन के अवसर पर श्रीमती सिन्हा के जन्मदिन की बधाइयाँ देते हुए मंच के संरक्षक आ. सुधीर श्रीवास्तव जी ,संस्थापक/अध्यक्ष और संपादक आ.अमित कुमार बिजनौरी जी, महासचिव डा.मोहित कुमार जी, सलाहकार आ.नरेश द्विवेदी जी, आ. महेन्द्र सिंह राज, आ. बेलीराम कंसवाल, आ. अरविंद कुमार, आ. वंदना भटनागर, डा पंकज रुहेला, आ.शहनाज बानो,आ.मधुसुदन प्रसाद , आ. सुनीता मुखर्जी सहित आ.ममता जी के पतिदेव आ.मनीष सिन्हा जी आदि ने श्रीमती सिन्हा को बधाइयाँ और शुभकामनाएं देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि ममता जी अपनी लेखनी से निरंतर नये आयाम स्थापित करती रहेगी।
ज्ञातव्य है कि अनेक साहित्यिक, सामाजिक सम्मान प्राप्त मृदु भाषी श्रीमती ममता रानी सिन्हा जी 'मेरी लेखनी साहित्यिक मंच' की संस्थापिका एवं संचालिका, 'शब्द-सुमन साहित्यिक मंच' की व्यवस्थापिका, आयोजिका, 'साहित्य सृजन मंच' की विशिष्ट सलाहकार के अतिरिक्त अनेक संस्थाओं/मंचों को भी अपरोक्ष रुप से अपना सहयोग देने को सदैव तत्पर रहती हैं।
अंत में आ. ममता जी ने नव साहित्य परिवार भारत और उसके पदाधिकारियों, अतिथियों, उपस्थित शुभेच्छुओं का आभार प्रकट करते हुए कृतज्ञता ज्ञापित किया।
श्रीमती सिन्हा अपनी साहित्यिक गतिविधियों के सुचारु और सफल क्रियाकलापों का सारा श्रेय अपने परिवार को देती हैं। उनका कहना है कि वे बहुत सौभाग्यशाली हैं जो उन्हें पहले मायके में (माता) श्रीमती वीणी देवी, (पिता) श्री गजाधर प्र. श्रीवास्तव एवं (भाई)आ.राजीव, संजीव एवं विशाल और अब ससुराल में (सास) श्रीमती कनक लाला, (ससुर) श्री रविन्द्र प्र.लाला और (पति) श्री मनीष कु.सिन्हा जी की ओर से हमेशा मिल रहा सहयोग/समर्थन और प्रेरणा लगातार आगे बढ़ने को प्रेरित करता है। बिना पारिवारिक सहयोग के एक महिला के लिए समाज मे अपना नाम स्थापित कर पाना बहुत ही मुश्किल होता है।
श्रीमती सिन्हा के काव्य संकलन शब्दोपहार के.विमोचन पर साहित्य जगत से वरिष्ठ कवि आ.सतीश मापतपुरी जी, आ.सुरेन्द्र सागर जी, आ.सतीश दीक्षित जी, आ.सूर्यप्रकाश श्रीवास्तव 'सूर्य' जी सहित राजनीतिक एवं समाजसेवा क्षेत्र से आ.श्री चन्द्र प्रकाश चौधरी जी(सांसद, गिरिडीह संसदीय क्षेत्र), आ.श्री रामचंद्र सईस जी(पूर्व मंत्री झारखण्ड सरकार) एवं आ.श्री लंबोदर महतो जी(विधायक गोमिया विधानसभा क्षेत्र) सहित अनेक साहित्यिक, सामाजिक संस्थाओं/संगठनों के पदाधिकारियों, कवियों, लेखकों, साहित्यकारों और गणमान्य लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए बधाइयाँ और शुभकामनाएं देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
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