सुदर्शन शर्मा जी द्वारा गणेश चतुर्थी पर लिखी रचना - गणेश वंदना
(गणेश वंदना)
हे गज आनन, सुख के चानन
बिनती करूँ कर जोड़!
दुविधा हर लो, हे दुख हर्ता
विघ्नों का मुख मोड़!
रिद्धि सिद्धि के तुम हो दाता
शुभ और लाभ के तुम्हीं प्रदाता
गौरी नंदन, निधी ईश्वरम
एकाकी नहिं छोड़!
मंगलमूर्ति, हे प्रथमेश्वर
हे क्षेमांकर, हे पीताम्बर
धूप, दीप नैवेद्य लिये हूँ
अब तो नाता जोड़!!
लेखिका- सुदर्शन शर्मा
अनुज्ञा सदस्य,
डॉ सत्या होप टॉक,
नई दिल्ली
Tags:
गणेश चतुर्थी वंदना