गीत- श्याम फोड़ी देहले ना, मोरी पानी भरल गगरिया : सरिता सिंह

गीत- श्याम फोड़ी देहले ना, मोरी पानी भरल गगरिया : सरिता सिंह

गोपियां यशोदा मइया से उलाहना दे रहीं हैं- 
                      गीत 

सुना यशोदा मईया , सुना तोहरे ढीठ कन्हैया।
श्याम फोड़ी देहले ना, मोरी पानी भरल गगरिया, काधा फोड़ी देहले ना, मोरी माटी के गगरिया।
श्याम मरोड़ी देहले ना, मोरी नरम कलइया।
बन में हांक देहले ना, मैया मोरी सारी गइया ।
 श्याम हांक देहले ना, बन में मोरी सारी गइया ।
सुना यशोदा मईया , सुना तोहरे ढीठ कन्हैया।
होली खेले के बहाने, करे श्याम छेड़खनिया।
रंगवा डारी देहले ना, रंग देहले मोरी  चुनरिया।
श्याम रंग देहले ना ,मोरी धानी चुनरिया ।
सुना यशोदा मईया , सुना तोहरे ढीठ कन्हैया।
रास करे के बहाने , गोपियन के सताइले बाने।
श्याम मरोड़ देहले ना, मोरी नरम कलइया।
श्याम फोड़ी देहले ना, मोरी पानी भरल गगरिया, काधा फोड़ी देहले ना, मोरी माटी के गगरिया।


-सरिता सिंह,
 गोरखपुर, उत्तर प्रदेश 

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