सीमा वर्णिका द्वारा लिखी रचना - सच्चा मित्र

सीमा वर्णिका द्वारा लिखी रचना  - सच्चा मित्र 

            (सच्चा मित्र)
मित्रता ईश्वरीय वरदान है।
गहन तम में बिहान है ।
दुख और सुख में बदले,
सच्चा मित्र ईश्वर समान है।

मित्रता आत्मशक्ति देती है।
सारी उदासी हर लेती है।
मुश्किल वक्त पड़े तो,
जीने की हिम्मत देती है।

मित्रता आत्मीय संबंध है।
 सीमाओं से स्वच्छंद है ।
त्याग प्रेम समाहित इसमें,
यह जीवन का मधुर छंद है।

मित्रता बाल रूप में आती।
ऊंच-नीच का भेद भुलाती।
शारीरिक मानसिक अक्षमता,
अपनापन रोक नहीं पाती ।

मित्रता पुण्य कर्मों का फल।
जीवन में एक सशक्त संबल।
कैसी भी कठिनाई आए,
हाथ थाम कर चलती हरपल ।।

 -सीमा वर्णिका 
कानपुर, उत्तर प्रदेश

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने