आइये पढ़ते हैं अनूप कुमार श्रीवास्तव द्वारा विश्व हिन्दी दिवस पर लिखी रचना- लहू बहता है रगों में हमारी वो हिन्दी है
(हिन्दी)
किसी जाति किसी के धर्म पर कहना,
यहां की सियासत में सब बातें गंदी है।
अंग्रेजी घुस आएं जितनीं भी सीनें में,
लहू बहता है रगों में हमारी वो हिन्दी है।
-अनूप कुमार श्रीवास्तव
कानपुर, उत्तर प्रदेश
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विश्व हिन्दी दिवस