"वर्ल्ड रिकॉर्ड कवि सम्मेलन" के प्रतिभागी प्रयागराज के हंसराज सिंह "हंस" को "काव्य श्री" सम्मान से किया गया सम्मानित
प्रयागराज :
रुद्रपुर उत्तराखण्ड की साहित्यिक संस्था 'बुलंदी जज्बात-ए-कलम' के तत्वावधान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विश्व के सबसे लम्बे वर्चुअल कवि सम्मेलन में काव्य गंगा प्रवाहित कर श्रोताओं को अवगाहन कराने वाले प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार आदरणीय हंसराज सिंह "हंस" जी को "काव्यश्री" सम्मान से नवाजा गया।
11 जुलाई 2021 से 20 जुलाई 2021 तक कुल 207 घंटे तक लगातार चलने वाले इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन को 'इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड' में विश्व के सबसे लम्बे कवि सम्मेलन के रूप में दर्ज किया गया है। इसका प्रसारण 'हिंदी टाइम्स' टीवी चैनल के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका और न्यूजीलैण्ड आदि देशों में किया गया।
बुलन्दी के संस्थापक आ. बादल बाजपुरी जी ने बताया कि प्रारम्भ में 150 घंटे का लक्ष्य रखा गया था। किन्तु विश्व भर के हिन्दी प्रेमी साहित्यकारों की लगन और उत्साह को देखते हुए यह कार्यक्रम लगातार 207 घंटे तक चलाया गया, जिसमें देश विदेश के 900 से अधिक कवियों ने प्रतिभाग किया।
कवि सम्मेलन के प्रथम दिन 11 जुलाई 2021 को ही आदरणीय हंसराज सिंह "हंस" जी को रात्रि 8:00 से 12:00 बजे के स्लॉट में आमंत्रित किया गया। जिसमें हंस जी ने अपने कोकिल कंठ से काव्य गंगा प्रवाहित कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर लिया। गंगा की व्यथा पर हंस जी ने मनहरण घनाक्षरी छन्द में अपनी रचना प्रस्तुत किया -
गंग की तरंग कहती है हमसे पुकार,
अमृत समान जल को अशुद्ध ना करो।.....
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पर हंस जी ने अपनी कविता कुछ इस प्रकार प्रस्तुत किया -
बेटी को खूब पढ़ाना है,
भारत का भाग्य जगाना है।
एम ए बी ए ही नहीं मित्र,
डी फिल डिलिट भी कराना है।।
बेटी को खूब.......
आदरणीय हंसराज सिंह "हंस" जी के अलावा फर्रूखाबाद, उ.प्र. से आ. नरेश चंद्र द्विवेदी "शलभ" जी, कानपुर, उ.प्र. से आ.ओम प्रकाश श्रीवास्तव 'ओम' जी, तोपा, रामगढ़, झारखंड से आ.ममता मनीष सिन्हा जी, गोण्डा, उ.प्र. से आ.सुधीर श्रीवास्तव जी एवं आ.विनीता कुशवाहा जी और लखनऊ, उ.प्र. से आ.आर्तिका श्रीवास्तव जी, को भी "काव्यश्री" सम्मान से सम्मानित किया गया है।
संस्था के संस्थापक/अध्यक्ष आ.बादल बाजपुरी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आ.राकेश शर्मा ने श्री हंसराज सिंह "हंस" जी को 'काव्यश्री' सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया है।
ज्ञातव्य है कि श्री हंस जी विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं में पदाधिकारी भी हैं। जिनमें हिन्ददेश परिवार अन्तर्राष्ट्रीय छन्दशाला इकाई के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष, हिन्ददेश परिवार प्रयागराज इकाई के अध्यक्ष, "मै और मेरी कलम साहित्य शिल्पी" संस्था राजस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, मंथन साहित्यिक परिवार के राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजक, कलम की ताकत मासिक ई पत्रिका के तकनीकी सलाहकार, एवं नव साहित्य मासिक ई पत्रिका के प्रधान संपादक प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त अन्य विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं को भी परोक्ष रूप से सहयोग और मार्गदर्शन दे रहे हैं।
विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं से लगभग 500 से अधिक ई सम्मान एवं सम्मान पत्र प्राप्त कर चुके श्री हंस जी कवि एवं साहित्यकार होने के साथ ही साथ एक प्रखर वक्ता, समाजसेवी एवं अच्छे मोटीवेटर भी हैं।
देश के विभिन्न प्रान्तों के 50 से अधिक नवोदितों का मार्गदर्शन कर उनके प्रेरक और गाड फादर की भूमिका निभाते रहने वाले श्री हंस जी का यह जुनून सा हो गया है।
वर्ल्ड रिकॉर्ड महा कवि सम्मेलन में श्री हंसराज सिंह "हंस" जी को 'काव्यश्री' सम्मान से सम्मानित किए जाने पर जिले और मंडल के साहित्यकारों, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों, साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों के अतिरिक्त पारिवारिक सदस्यों, रिश्तेदारों, मित्रों एवं शुभचिन्तकों ने भी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ प्रदान किया। इससे भावुक श्री हंसराज सिंह "हंस" जी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया है।
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