सीमा वर्णिका जी द्वारा लिखी रचना- काश ! तुम मेरे होते

सीमा वर्णिका जी द्वारा लिखी रचना-   काश ! तुम मेरे होते 

       (काश ! तुम मेरे होते)

भर आँसू नैन न रोते,
काश! तुम  मेरे  होते ।

दर्द की बातें ना होती,
आँखें सुकून से सोती,
यादें मन को न भिगोती ,
वेदना लड़ियाँ न पिरोती, 

पीड़ामय लफ्ज़ न होते,
काश ! तुम  मेरे  होते ।

गीत मेरे भी मुस्कुराते,
गम के किस्से न सुनाते ,
 दिन कटते हँसते गाते ,
तुम संग सपने सजाते,

स्वप्न यूँ न बिखरे होते,
काश ! तुम  मेरे  होते ।

तुम्हे भी हमसे प्यार होता,
कोई ख्वाब साकार होता,
प्रेम का अभिसार होता, 
जीवन एक उपहार होता,

बिना बात न रूठे होते,
काश ! तुम  मेरे  होते ।।

-सीमा वर्णिका 
कानपुर, उत्तर प्रदेश

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