माँ तेरी कृपा हो हम सब पर : उमा शर्मा उमंग
(माँ)
सारे जहाँ की दौलत, बेकार इसके आगे।
झोली में मुझको माँ का दीदार मिल जाये।।
माँ भक्ति भाव सब कुछ, तेरे ही लिए हैं।
बस नजरों से ही माँ की, इनायत जो मिल जाये।।
दुःख दर्द सारे अपने, मैं तुझसे ही तो कह पाऊँ।
कर दूर तू दुखों को, जीवन मेरा खिल जाये ।।
बरसे जो तेरी रहमत, जीवन के दर पर मेरे।
इक आस है खुशी का, संसार मिल जाये।।
ना माँगती मैं दौलत, ना हीरे मोती चाहूँ।
ममता का तेरी मुझको, भी प्यार मिल जाये।।
सुख दुःख के हैं थपेड़े, झेले बहुत डगर में।
करुणा की शीतल छाया, वो बयार मिल जाये।।
दिव्य प्रेम से भिगो दे, मेरा अमिट आँचल।।
सुरसरि वो बहा दे, बौछार ही मिल जाये।
झोली में मुझको माँ का, दीदार ही मिल जाये।।
-उमा शर्मा 'उमंग '
झाँसी उo प्रo
अनुज्ञा सदस्य, डॉ सत्या होप टाक
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