गांधी जयंती एवं लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर विशेष : प्रभा दुबे
यह कोई नहीं कहता,
गांधी थे गुजराती,
भारत माता के लाल थे वे,
सच्चे थे भारत वासी.
आजाद हमे करा गए,
देश प्रेम हमें सिखा गए,
स्वयं कष्ट सहकर भी,
स्वतंत्रता हमें दिला गये.
स्वच्छ भारत था सपना,
देश में एकता बनी रहे,
सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया, स्वाभिमान में डटे रहे.
स्वदेशी को अपनाया,
खादी पहनना सिखलाया,
ग्राम विकास की बाते करते,
स्वयं सफाई भी करते.
हर वर्ष 2 अक्टूबर को,
देश उन्हें नमन करता,
जन्म दिवस मना करके,
याद उन्हें सदा करता.
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दो अक्टूबर को ही,
लाल बहादुर भी जन्मे,
गरीबी तंगी से ऊपर उठकर,
प्रधान मंत्री तक बने.
उनको सादगी थी प्यारी,
काम उच्च सदा करते,
सादा, सरल जीवन जीते,
जिम्मेदारी सदा निभाते.
समय का रखते सदा ध्यान,
मानते वह न मान अपमान,
देश हित के करते काम,
रहते स्वयं सदा निष्काम.
जवानों, किसानों से रखते प्रेम, नारा उनके लिए दिया,
देश हित में होकर बलिदान,
देश का नाम रोशन किया.
एसे बहादुर देश के लाल को,
हम सभी नमन करते,
काम जो उनने देश हित किया, हम उनका अभिनंदन करते.
दो लाल आज ही जन्म लिये, काम देश हित के सदा किए, दो अक्टूबर का दिन है खास, दोनों को करते हम याद.
-प्रभा दुबे,
रीवा, मध्य प्रदेश
अनुज्ञा सदस्य, डॉ सत्या होप टाक
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