नवरात्रि में शक्ति पूजा : निर्मला सिन्हा
सर्व मंगल मांगल्ये, शिवे सर्वाथ साधिके, शरणं त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।।
हे गौरी तेरे रूप अनेक हर नारियों में है तेरी छवि ।
ममता मयी सा विशाल हृदय ,
हे जगतजननी मैय्या करों हम पर
उपकार ।
हे संकट भारी जगत में करों कल्याण मैय्या ।
धर काली का रूप
करों शैतानो का विनाश मैय्या ।
जिस तरह से शुम्भ-निशुम्भ को विदारा, मधु कैटभ का संहार किया ।
बचाया था मैय्या, उस समय भी तुने ही जगत को इन पापियों से ।
महिषासुर, धूम्रविलोचन,रक्त बीज,नहीं बचा कोई पापी तेरे नज़र में सबको यमलोक पहुंचाया
फ़िर क्यो इतना पाप, दुष्कर्म,
देख रहीं हो माता, हर नारी में
जब आप हो तो क्यो निर्भया
बनती हैं नारी ।
दो साहस हर नारी में इतना मैय्या
अपनी आबरू के लिए ना किसी
के पास गिड़गिड़ाना पड़े ।
वक्त पड़े तो धारण कर चंडी का रूप हर पापियों का विनाश करें ।
हें माँ जगतजननी क्या में तेरी व्याख्या करूँ, ब्रह्मा की ब्रह्मांणि,
विष्णु की वैष्णवी, शिव की शिवा
हो तुम ।
हे माँ आदि शक्ति हर जीव में बस्ती आत्मा हो तुम ।
प्रकृति हो तुम, और मनुष्य तुम्हारे
बच्चे, मैं कैसे तेरी व्याख्या करूँ
जिसके कमल चरण अमृत से भी सच्चे ।
हें माँ करूँ मैं निशदिन तेरी आरती
हर रूप में तु ही तो विराजे मैय्या
कर दो हम पर भी असीम कृपा मैय्या ।
लेखिका साहित्यकार कवियत्री - निर्मला सिन्हा
ग्राम जामरी, डोंगरगढ़, छत्तीसगढ़
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नवरात्रि पर्व