निर्मला सिंहा जी द्वारा लिखी रचना- राम जन्म
(राम जन्म)
जगह-जगह दीप जल उठे
अंधकार दूर भागने लगें ।।
लिया मेरे प्रभु ने जन्म
था नवमी का वो शुभ दिन।।
कि थीं बड़ी ही कठोर तपस्या
दशरथ ने जिन्हे प्राप्त हुए ।।
मर्यादा पुरुषोत्तम पुत्ररत्न श्री राम
के रूप में ।।
होने को तो बहुत से नवमी आते हैं
लेकिन मेरे राम ने जन्म लिया उस
नवमी में जिसमें जगत पूजती शक्ती को
शीतल, ज्वाला, गौरी काली को हैं ।।
नष्ट करनें दुनिया के अहंकार को
प्रेम से रहने की सीख देने जन्म लिया
मेरे राम ने कोटि-कोटि नंदन करूँ
बधाईयाँ दूँ अपने राम जन्म की ।।
शुभ अक्सर हैं राम जन्म का
आओ सब मिल शीश झुकाऐ ।।
अंदर बैठे तम को मारे, आओ
मिलजुल कर खुशी मनाऐ ।।
मिठाईयाँ बाँटे, लड्डू बाँटे, लल्ला के
जन्म दिन पर खूब ढोलक बजाऐ।।
घर-घर भगवा लहराए जय श्री राम ।
-निर्मला सिन्हा
डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ से
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