आइये पढ़ते हैं आरती झा जी द्वारा लिखी रचना- दीपमाला

आइये पढ़ते हैं आरती झा जी द्वारा लिखी रचना- दीपमाला 

                 दीपमाला 
दीपों की बारात है आई
रंगोली ने मुस्कान बिखराई
नयनों में सुनहले सपने ऐसे 
हर चेहरे पर खुशियाँ छाई

झिलमिलाते से हैं ये दीप
सपनों के खोले हैं सीप
रंगों की है ये छटा घनेरी
उर में जगाती है सबके प्रीत

दीपों ने जल जल कर बताया 
अमावस के बाद आता उजियारा 
रंगों ने लेकर रंगीन आकार 
परिस्थित से मिलना सिखलाया

रंग बाती से सजती है ये थाती
छोटे बड़े में ना कोई भेद,बताती
खुशी गम में रहना सम भाव सा
रंगों संग मिलकर संदेश दे जाती

-आरती झा 
दिल्ली

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