"आगमन "की संगोष्ठी हुई संपंन्न

"आगमन "की संगोष्ठी हुई संपंन्न 

लखनऊ  :
 
दिनांक 15 नवम्बर 2021 को 
कथा मैदान, आशियाना में चल रहे लखनऊ एक्सपो 2021 में मुनाल उत्तरांचल पूर्वांचल कला उत्सव के तहत रेखा रावत बोरा के संयोजन में आगमन की संगोष्ठी आयोजित की गयी। जिसमें मुख्य अतिथि रूहेलखंड व आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मोहम्मद मुज़म्मिल व विशिष्ट अतिथि मुनालश्री विक्रम बिष्ट की उपस्थिति में काव्य पाठ किया गया। कार्यक्रम का आग़ाज़ डॉ अर्चना श्रीवास्तव जी के उद्बोधन व वाणी वन्दना  "हंसारूढ शारदे मां तम में प्रकाश भर, मनोज शुक्ल'मनुज' -ज़ीवन जीने का मंत्र राम, रेखा बोरा- आज क्यों प्रिय मुझसे यह अनुबंध, मंजूषा श्रीवास्तव- इश्क कीजे तो छुपाने की जरूरत क्या है, विक्रम मिश्र 'अनगढ़'- ख़ाक में मिल जाने पर तू दुनिया से क्या चाहे, नीरजा नीरू- छोटू बनता बड़ा तभी जब ज़िम्मेदारी पड़ती है,  वर्षा श्रीवास्तव- हमारी आँख का पानी कहीं पत्थर न हो‌ जाये, डॉ रूबी राज सिन्हा-नारी तू शक्ति है, रश्मि लहर- डुबो दो ख़ुशी में लिखो न उदासी, उपमा आर्य- दुनिया में कोई जात बराबर न आपके, कनक वर्मा- दो दो घरों को स्वर्ग बनाती हैं बेंटियाँ, अंजलि सारस्वत शर्मा- मेरी ज़िन्दगी  वजूद है, इं श्रीकांत तैलंग- जीवन है संघर्ष सभी का जीवन रहा नहीं संयोग, संजय सागर जी ने सांसें ये साथ दे रहीं सुनाया।  राजेश मल्होत्रा, जे पी सिंह ने भी प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का समापन प्रो मोहम्मद मुज़म्मिल, मुनाल श्री विक्रम बिष्ट व रेखा बोरा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन मंजूषा श्रीवास्तव ने किया।

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