आइये पढ़ते हैं सरिता सिंह द्वारा लिखी भक्ति रचना- नमन कर ले ...
माला जपती उम्र गई।
गया न मन का फेरा।
कर्म करें जो बदले जीवन।
डाले ना कहीं पर डेरा।
दुखसुख तो जीवन के काज।
जो कर्म करे मनु पाए राज।
रात गई अब हुआ सवेरा।
सब प्रभु का क्या तेरा मेरा।
मत कर मानव तू अभिमान।
रमजा भक्ति ले कुछ ज्ञान।
अंदर का तू द्वंद मिटा ले।
हृदय की कांति चमका ले।
गुरु कुम्हार है शिष्य घड़ा ।
नमन उसे कर जो है बड़ा ।
-सरिता सिंह
गोरखपुर
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भक्ति रचना