आइये पढ़ते हैं कुमारी गुड़िया गौतम द्वारा लिखी रचना- गोवर्धन पूजा (कृष्णा की लीला)

आइये पढ़ते हैं कुमारी गुड़िया गौतम द्वारा लिखी रचना- गोवर्धन पूजा (कृष्णा की लीला) 

              गोवर्धन पूजा
द्वापर युग में श्रीकृष्ण जी ने जन्म लिया,
सब अत्याचारियों का विनाश किया,
देख गोवर्धन की करते पूजा क्रोधित हुआ इन्द्र,
इन्द्र ने मूसलाधार बारिश बरसाया,
मथूरा, गोकुल में तूफान मचाया,
कृष्ण ने तब गोवर्धन पूजा का मार्ग बताया,
इन्द्र को था बड़ा ही अभिमान अहम है भरमाया,
कृष्ण ने एक उंगली पर पर्वत है उठाया,
और तब इन्द्र के अंहकार को मिटाया,
सबकी गाय, वृक्ष, ग्वाल बाल जान को बचाया,
घमंडी इन्द्र को  अच्छा पाठ पढ़ाया,
कृष्ण ने भी अनोखी लीला रचाया,
उठा कर पर्वत को सब जन पर कृपा बसाया,
ब्रजवासियों ने ये देख अहसान जताया,
सब जन मिलकर कृष्ण की शरण में आये,
बड़ा अंहकार था इन्द्र को उसका भी घमंड तोड़ दिखाया,
आभास हुआ जब इन्द्र को अपनी भूल का कृष्ण के सामने नतमस्तक  होकर भौग चढ़ाया,
दीपावली के दूसरे दिन ये पर्व है आता,
तभी से गोवर्धन पूजा सब जन करते आये।।

-कुमारी गुड़िया गौतम 
(जलगांव) महाराष्ट्र

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