अदम्य साहसी और वीर पराक्रमी भी थे नेता जी : कवि विवेक अज्ञानी
अदम्य साहसी और वीर पराक्रमी भी थे,
नेता जी ने अंग्रेजी शासन को झुकाया था
भारती के पूत ने अपने साथियों के संग,
दुश्मन डायर, डलहौजी को हराया था
निज चतुराई व कुशलता से नेता जी ने
जापानी शासक हिटलर को मिलाया था
छटपटाते रहे उम्र भर अंग्रेज पर,
कोई नेता जी सुभाष को छू भी ना पाया था
शौर्यवान बलवान गुणवान तेजवान,
एकता अखंडता की तस्वीर थे नेता जी
जिसे कोई रोक सके ना कर सके सामना,
राणा शिवा जी की वो समसीर थे नेता जी
अंग्रेजों के काल बने राष्ट्र के सपूत वीर,
शत्रु के लिए कफ़न का चीर थे नेता जी
आज़ादी का युद्ध अंतिम तक लड़ते रहे,
मैं तो कहूँगा की वीर वीर थे नेता जी
जान मान सम्मान अर्पण मातृभूमि पर
देश खातिर आपने सर्वस्व लूटा दिया
बनकर काल नाचे रिपु के कपाल पर,
दुश्मन की सेना में हाहाकार मचा दिया
बनाई एक सेना जो वीरों को साथ लेकर,
फ़िर अंग्रेजों की रूह तक को डरा दिया
आपको नमन हर हिंद का वासी करेगा,
कैद से आज़ाद इन्हें आपने करा दिया
भारतीय स्वतंत्रता के नायक सुभाष जी,
आइए नेता जी को प्रणाम भी तो कीजिए
मातृभूमि के खातिर जान तक लगाये जो,
ऐसे परतापी को प्रणाम भी तो कीजिए
फहराया झंडा तिरंगा आसमान पर ये,
आइए उन्हें मिल सलाम भी तो कीजिए
जिसने तिरंगे को ही निज आन मान कहा,
ऐसे त्यागी वीर को प्रणाम भी तो कीजिए।
आज़ादी के महानायक क्रांति के मुख्य
क्रांतिकारी वीर शिरोंमणि युवाओं के प्रेरणा स्रोत हिंदुस्तान की आन-मान- शान हम सबकी जान, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जी के जन्मदिवस पर उन्हें शत शत नमन और आप सभी को अनंत हार्दिक शुभकामनाएँ, ढेर सारी बधाइयाँ !
-कवि विवेक अज्ञानी
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