शहीद दिवस पर शहीदों को शत-शत नमन : ओम प्रकाश श्रीवास्तव
देश प्रेम समझा त्रिकल, की फाँसी स्वीकार।
वीर शहीदों जग नमन, करता बारंबार।।
भगत साथ सुखदेव ने, फाँसी करी कबूल।
भक्त राजगुरु नाम को, जाना नहि तुम भूल।।
तीन शहीदों का त्रिकल, झूला फाँसी साथ।
देश प्रेम होता प्रथम, साथी रखना माथ।।
माँ की कर शुभ वंदना, रखना साथी याद।
प्राणों की आहुति कभी, करना मत बर्बाद।।
कर्म सदा अच्छे करो, रखो देश का मान।
तुच्छ लोभ पड़ना नहीं, रखो हृदय यह ध्यान।।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम, तिलसहरी, कानपुर नगर
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