नवरात्रि का पांचवा दिवस
(माता दुर्गा के पंचम स्वरूप
देवी स्कन्द माता का अवतरण)
पंचम स्वरूप स्कन्द माता का,
मातृरूप मे पूजा जाता,
कार्तिकेय की माता का गौरव,
प्रदान इन्हे किया जाता,
स्कंद नाम है कार्तिकेय का
कार्तिकेय की जो माता है
वह पार्वती ही है जो
स्कंद माता कहलाती है।
विशुद्ध चक्र मे ये विराजती
सोलह कला विकसित करती
छः मुंह वाले कार्तिकेय की
माता स्वयं ये कहलाती।
चार भुजाए होने के कारण, चतुर्भुजी माता कहलाती,
शुभ्र वर्ण इनके तन का,
पद्म पुष्प पर है विराजती।
जो साधक एकाग्र भाव से,
उपासना इनकी करता,
सब कष्टो से मुक्ति पाता,
मोक्ष मार्ग प्रशस्त हो जाता।
भक्त जो इनको पूजते
सुख, शान्ति का वर पाते
समृद्ध, मोक्ष है मिल जाता
जीवन सुखमय हो जाता।
माता दुर्गा के पंचम स्वरूप
स्कन्द माता का हार्दिक स्वागत, व चरण वंदन 🙏
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प्रभा दुबे मध्य प्रदेश रीवा ।
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