करवा चौथ नारी का
भारतीय संस्कृति की अजब कहानी।
आंचल में दूध नारी के आंखों में पानी।।
क्या नारी तेरी यही कहानी।
कभी राधा कभी दुर्गा काली कभी सीता महारानी।।
रख करवा चौथ व्रत पति की उम्र बढ़ावे।
पति को परमेश्वर समझे लात घुसा खावे।।
रहे हमेशा सुहागिन मांगे मन्नत।
भूख प्यास से तड़प पति को माने अपनी जन्नत।।
चांद निकले पति को देखे चलनी से।
नजर न लग जाए देख रही तन्नी से।।
छूकर पांव ले आशीर्वाद।
धन्य, समझती अपना जीवन आबाद।।
हे पुरुष लाज रख इस नारी का।
करो सम्मान मान बढ़ाओ सृष्टि की उजियारी का।।
रचनाकार - प्रेम शंकर शर्मा
कैमूर, बिहार
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