धनतेरस
धन लक्ष्मी पूजन धनतेरस को।
सुख समृद्धि बरसाए जन को।।
नए बर्तन नए भजन पूजन करे भगवती का।
दीप जलाए जागरण कर मां धनलक्ष्मी का।।
धन बरसाओ स्नेह बरसाओ।
मेरा भी मन हर्षाओ।।
मैं भी हूं विपन्न।
धन्य धान्य स्वास्थ्य से करो संपन्न।।
रचनाकार - प्रेम शंकर शर्मा
कैमूर, बिहार
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रचना