आज दीपोत्सव के अवसर पर वतन प्रहरी / भारतीय सेना / सैनिकों के सम्मान में दीपावली गीत भारतीय सेना के सम्मान में प्रेषित ,...
" दीपोत्सव देश का सम्मान है "
वतन प्रहरियों संग दीपोत्सव देश का सम्मान है
देशभक्त जन गण मन का पूरा होता अरमान है
मानपत्र लिखती नहीं मैं सत्ता के सम्मानों का
वंदन पूजन करूं सदा मानवता के दीवानों का
दिवानी हूं मैं सदा भारतीय सेना के जवानों का
याचक कभी बन न सकी सत्ता के अनुदानों का
जला करे मशाल ये दिल में भरा स्वाभिमान है
दीपोत्सव वतन प्रहरियों संग देश का सम्मान है
भरे सितारे मैंने सदा किसी के मटमैले दामन में
खुशियां बरसाया सदा जनमानस के आंगन में
सदा मगन रहना सीखा अंतर्मन भीगे सावन में
पूजूं क्रांतिवीरों को जो कुर्बान हुए सत्तावन में
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का रखे सदा विश्व में मान है
दीपोत्सव वतन प्रहरियों संग देश का सम्मान है
वंदन उन मसीहाओं की जो जनहित में जीते हैं
बरसाते सुधामृत सबको ख़ुद गरल वह पीते हैं
शत्रु को पल में करते ख़ाक वह अग्नि पलीते हैं
वतन के लिए जीवन जीते अरि का रक्त पीते हैं
हर इक बूंद रक्त की देते मुल्क को अनुदान है
दीपोत्सव वतन प्रहरियों संग देश का सम्मान है
रचयिता -
डॉ. तारा सिंह अंशुल
दिल्ली
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