दीप जलाओ नेह का..
तम नहीं फटके द्वार,
वंदन हो मेरे राम का,
हो सुन्दरतम संसार।
राम की नैया
राम का सागर,
राम खिवैया,
राम की गागर।
राम हैं खेवनहार..
हो सुन्दरतम संसार…।
रचनाकार- सुखमिला अग्रवाल भूमिजा
जयपुर, राजस्थान
दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ 🪔🪔🪔🪔
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रचना