सरस्वती वंदना
दीप मेरी आस का तू ही जला मां शारदे।
दूर कर मेरा अविचल अंधेरा मां शारदे।।
पथ पे मेरे कर दे ज्ञान का सवेरा।
मेरी मंजिलों का दे सहारा माँ शारदे।।
सात सुरों सी बहूँ मैं एक निर्मल धारा।
गीत मेरे हों सरल सरिता माँ शारदे ।।
आज हाथ अपना सर पे मेरे रखदो माँ।
साथ मेरा देंना सदा सदा मां शारदे।।
- सुखमिला अग्रवाल 'भूमिजा'
जयपुर, राजस्थान
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