कल्पनाओं की उड़ान
ख़ुद पे संयम रखने वाले
नर्म दिल एक सरल
स्वभाव के इंसान आप हो
तो शायद?, यह काम
कर सकते हो,
अपने उम्मीदों की छलांग
भर सकते हो।
अंतर की शीशीयों की
महक आम बात है
असली ख़ुशबू का मजा
तब है जब आपका
किरदार महके
शायद?, यह काम
कर सकते हो,
हौसला रखो तुम भी
अपने ज़िंदगी में ज़ाम
भर सकते हो।
लोग भले ही क्यों न
आपके खिलाफ़ खड़े हों
अगर आप में जज़्बा
अभी भी बरक़रार है
तो शायद?, यह काम
कर सकते हो,
यह बात सच है अपनी
कल्पनाओं की
उड़ान भर सकते हो।
- शेख रहमत अली "बस्तवी"
बस्ती (उ, प्र,)
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