मौन निमंत्रण
मौन निमंत्रण लफ्जों का,
नज़रों का कोई कर के दिखाओ।
मिले जब अनजान राहों में,
अंखियां भी बोल कर बताएं।
मौन की परिभाषा
झुकी नजरों से इज़हार करे
लेकर हाथों में हाथ
ख़ामोशी की खुश्बू दिल को छू जाएं।
चंचल सी नज़रें होठों
पर मुस्कान लाएं।
- प्रतिभा जैन
टीकमगढ़, मध्य प्रदेश
Tags:
संपादकीय/ मनोरंजन