महाराणा प्रताप जयंती
शौर्य प्रतिमूर्ति महाराणा प्रताप का,
अवतरण पुनीत, पावन दिवस आज।
युग -युग के प्रेरणास्रोत महापुरुष वे,
अविस्मरणीय रखेगा उन्हें समाज।
हल्दी घाटी वह पुण्य भूमि है,
जहाँ राणा का शौर्य था मूर्तिमान।
कण-कण में जहाँ बलिदान समाया,
कीर्ति अमर, अखंडित, देदिप्यमान।
राणा प्रताप का नाम अमर,
सर्वदा अमर उनकी कुर्बानी।
भारत भूमि वीरों की भूमि,
राजस्थान की अनकही कहानी।
शौर्य, त्याग, वीरता गाथा,
जानता अवश्य हर हिंदुस्तानी।
पराक्रम उनका शदियों तक गूँजें,
देशभक्ति की अमर निशानी।
हल्दी घाटी का जर्रा - जर्रा ,
प्रमाण वीरता की कहता ।
कौन जानता नहीं प्रताप को ,
हिंन्दुस्तान में जो रहता ।
हल्दी जैसी पीली मिट्टी घाटी,
नाम पड़ा इसी से हल्दी घाटी ।
राजस्थान की पूज्य भूमि ,
वतन पर मर मिटने की परिपाटी।
चेतक एक बड़ा गवाह स्वयं,
राणा की वीरता अनुपम है।
मुगलों को धूल चटाने वाले,
उनकी बहादुरी श्रेष्ठतम है।
रचनाकार- चंद्रकांत पांडेय
मुंबई, महाराष्ट्र
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रचना/ संपादकीय