शिक्षक दिवस - 5 सितंबर
शिक्षक ज्ञान का सुंदर वाहक ,
करता ज्ञान का सर्वोत्तम प्रसार।
खुद दीपक सा जलकर भी ,
पूरे समाज का करे उद्धार ।
अनगढ़ पत्थर को मूर्ति बनाना,
शिक्षक का कार्य बड़ा दुष्कर ।
अज्ञान के घोर तिमिर से ,
दूर निकाले खुद हो तत्पर ।
शिक्षक सदा पूजित समाज में,
समस्त गुरुजन को सादर नमन।
उपाधि ब्रह्मा ,विष्णु ,महेश की ,
कल्याणकारी है जिनका कथन ।
विद्या माता के सदृश हमारी ,
पिता सम शिक्षक को जानिए।
यह परम ज्ञान मनु ने दिया ,
उन्हें आदि गुरु सम मानिए ।
राम गुरु वशिष्ठ ,कृष्ण गुरु सांदीपनी,
शिक्षक एक से एक महान ।
ईश्वर को भी शिष्य बनाए ,
स्थापित किया उत्तम स्थान।
शिक्षक कर्मठता की प्रतिमूर्ति,
बच्चों को आदर्श बनाता है।
प्रेरित करता, निरंतर छात्रों को,
उन्नत मार्ग दिखाता है।
शिक्षक स्वयं राष्ट्र निर्माता है ,
खुद ही इतिहास बनाता है ।
प्रत्येक विषय का ज्ञान कराकर ,
राष्ट्र निर्माण सिखाता है ।
शिक्षक दिवस के अवसर पर ,
समस्त गुरुजन को सादर नमन।
चरितार्थ करें अपने उपाधि को,
यही सभी का नम्र निवेदन।
- चंद्रकांत पांडेय
मुंबई ( महाराष्ट्र )