राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जयंती
वीर रस के श्रेष्ठ कवि,
दिनकर जी का वंदन है।
राष्ट्रकवि के जन्म दिन पर,
उनका हार्दिक अभिनंदन है।
गद्य , पद्य दोनों ही विधा में,
दिनकर हिंदी के दिव्याकाश।
कुरुक्षेत्र, रश्मिरथी , उर्वशी,
हुंकार से गूंजा साहित्याकाश।
वह धन्य सिमरिया की माटी,
दिनकर सदृश दिनकर जन्म लिए।
अपनी सादर उपस्थिति से,
हिंद की धरती धन्य किए ।
एक ओर दिखाई पड़ती हैं ,
कोमल श्रृंगारिक रचनाएँ ।
दूसरी तरफ वीरता के अमर भाव ,
वीर रस युक्त अप्रतिम कविताएँ ।
चर्चित उर्वशी रचना हेतु मिला,
साहित्यिक ज्ञानपीठ पुरस्कार।
सामाजिक समानता के रहे पक्षधर,
पद्म भूषण भी हुआ स्वीकार।
जन्मदिवस पर आज दिनकर को,
श्रद्धा के प्रसून समर्पित हैं ।
एक छोटे से दीपक हैं हम,
भावपूर्ण शब्द ये अर्पित हैं ।
रचनाकार- चंद्रकांत पांडेय
मुम्बई/महाराष्ट्र
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रचना/संपादकीय