प्रेम वर्षा
वर्षा की रिमझिम बूंदे,
मन में आग लगाती हैं ।
प्रियतम जिनके साथ,
हवाएँ गीत सुनाती हैं ।
शोर मोर का प्यारा लगता ,
मन गाए प्रेमल संगीत ।
नृत्य करे खुशियों की रानी
लगे अनोखा अपना मीत ।
जीवन फूलों की सेज लगे,
पंख लगे आशाओं के ।
मधुर लगे हर दिन और रातें ,
स्वप्न सजे नूतन भावों के ।
सौभाग्य हमारा लगता न्यारा ,
हर खुशहाली है जीवन में ।
सौगातें जीवन की सब हैं ,
असीम सरसता है मन में ।
रचनाकार- चंद्रकांत पांडेय
मुंबई / महाराष्ट्र
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संपादकीय/ मनोरंजन