होली विशेष (गजल)

होली विशेष 
               (गजल)
ये दहन ये शमन खामियां,
कुछ नया आज विचार है।1

दूरियां  दूरियां  ही  दिखीं ,
पास  लाता  अधिकार है।2

रुप  रंग  का गिनना नहीं,
सच यहीं प्यार इजहार है।3

आज होली खूब आ गयी,
हरतरफ रंग की बौछार है।4

कुछ कमी तू भुला बस कहीं
खूबियों  का   ये   संसार है।5

गीत  आधे  लिखें क्या कहूं,
छटपटाहट  के  उदगार है।6

रंग  में  भीगा  सा मनुहार है,
भाईचारे  का त्यौहार है।7

गिरह खाइयां  पाट  दीवार  है,
जिंदगी कोई  उपहार  है।8

खिलखिलाके मुस्कुरा जरा,
देेखआँगन भी गुलजार है।9

भूल जा सब गिले आज से,
ये अहद मान इकरार है।10

- अनूप कुमार श्रीवास्तव 
इन्दौर, मध्य प्रदेश 

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