गृहस्थ जीवन में सोमवती अमावस्या विशेष फलदायक है : डॉ देव नारायण पाठक

गृहस्थ जीवन में सोमवती अमावस्या विशेष फलदायक है : डॉ देव नारायण पाठक 

अहमदाबाद : 
 गुजरात के ज्योतिर्विद डॉ देव नारायण पाठक ने बताया कि गृहस्थ जीवन में सोमवती अमावस्या विशेष फलदायक होती है।

सोमवती अमावस्या को व्रत-पूजन करने से पति और संतान को लंबी आयु मिलती है।इस वर्ष की पहली सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल 2024 को है। यह चैत्र महीने की अमावस्या होगी।अमावस्या और सोमवार दोनों ही दिन शिव पूजा का विशेष महत्व होता है, ऐसी स्थिति में इस दिन साधक को दोगुना फल प्राप्त होगा। चैत्र सोमवती अमावस्या के मुहूर्त पर चर्चा करते हुए डॉ पाठक ने बताया कि इस बार चैत्र अमावस्या तिथि 8 अप्रैल 2024, सोमवार को सुबह 03 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। सोमवती अमावस्या तिथि इसी दिन रात  11 बजकर 50 मिनट तक रहेगी।स्नान-दान  आदि के मुहूर्त पर चर्चा करते हुए डॉ पाठक ने बताया कि- सुबह 04.32 - सुबह 05.18 बजे तक,शिव पूजन सुबह 09.13 - 10.48बजे तक तथा 
पितरों का तर्पण-  सुबह 11.58 - दोपहर 12.48 बजे तक करना चाहिए।सोमवती अमावस्या के  महत्व पर चर्चा करते हुए डॉ पाठक ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार  जो महिलाएं सावन सोमवती अमावस्या पर व्रत रखकर शिव पूजा करती हैं उनके पति को लंबी आयु का वरदान मिलता है, अच्छे दाम्पत्य जीवन के लिए इस दिन आटा, चावल, घी, शक्कर का दान करना चाहिए।सोमवती अमावस्या के फलस्वरूप व्रती को अखंड सौभाग्य, सुख, सफलता और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।इस दिन स्नान-दान कर शिवलिंग का कच्चे दूध और गंगाजल से अभिषेक करने पर पितृ दोष, कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती है।सोमवती अमावस्या पूजा विधि पर चर्चा करते हुए डॉ पाठक ने बताया कि सोमवती अमावस्या की सुबह सूर्योदय से पूर्व गंगा नदी में या फिर घर में गंगाजल से स्नान करना चाहिए।फिर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए ।व्रत का संकल्प लेने के बाद शिवजी का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए तत्पश्चात्  पीपल को कच्चा दूध चढ़ाना चाहिए  और 7 बार परिक्रमा करना तथा शाम को पीपल के नीचे दीपक जलाना कल्याणकारी है, इससे शिव, लक्ष्मी जी और शनि देव प्रसन्न होते हैं। मध्याह्न में पितरों के नाम जल में तिल डालकर दक्षिण दिशा में तर्पण करना चाहिए।

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