कार्तिक माह सनातन परम्परा में विशेष फलदाई है : डॉ देव नारायण पाठक
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अहमदाबाद गुजरात के लब्धप्रतिष्ठ ज्योतिर्विद डॉ देव नारायण पाठक ने बताया कि कार्तिक माह का प्रारम्भ शरद पूर्णिमा से तथा अन्त कार्तिक पूर्णिमा या देव दीपावली से होता है शास्त्रों में जिसे दामोदर मास कहा जाता है।
इस पवित्र महीने में करवा चौथ,अहोई अष्टमी,रमा एकादशी,गौवत्स द्वादशी,धनतेरस,रूप चर्तुदशी,दीपावली,गोवर्धन पूजा,भैया दूज,सौभाग्य पंचमी, डालाछठ,गोपाष्टमी,आंवला नवमी,देवउठनी एकादशी,बैकुण्ठ चतुर्दशी,कार्तिक पूर्णिमा या देव दीपावली को बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। इस समय देवउठानी या प्रबोधिनी एकादशी का विशेष महत्व होता है।इसी देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीने की निद्रा के पश्चात उठते हैं इस दिन के बाद से सारे मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं।
कार्तिक महीने का हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व है।इस महीने में दान,पूजा-पाठ तथा स्नान का बहुत महत्व होता है तथा इसे कार्तिक स्नान की संज्ञा दी जाती है।
यह स्नान सूर्योदय से पूर्व किया जाता है।स्नान कर पूजा-पाठ को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। साथ ही देश की पवित्र नदियों में स्नान का अधिक महत्व होता है। इस समय घर की महिलायें नदियों में ब्रह्ममूहुर्त में स्नान करती हैं।
इस महीने में दान करना बहुत ही लाभकारी होता है।दीपदान का भी मुख्य विधान है। यह दीपदान मंदिरों, नदियों के अलावा आकाश में भी किया जाता है।यही नहीं ब्राह्मण भोज,गाय दान, तुलसी दान,आंवला दान तथा अन्न दान का भी अत्यधिक ही महत्व होता है।
हिन्दू धर्म में इस महीने में कुछ परहेज बताए गए हैं जैसे- धूम्रपान लहुसन,प्याज और मांसाहर का सेवन भी वर्जित होता है।
इस महीने में भक्त को चारपाई पर नहीं सोना चाहिए ।उसे भूमि शयन अथवा तख्त पर शयन करना चाहिए। इस समय सूर्य उपासना विशेष फलदायी होती है। साथ ही दाल खाना तथा दोपहर में सोना भी अच्छा नहीं माना जाता है।
कार्तिक महीने में तुलसी की पूजा का बहुत ही महत्व है क्योंकि तुलसी जी भगवान विष्णु की प्रिया हैं। तुलसी की पूजा कर भक्त भगवान विष्णु को भी प्रसन्न कर सकते हैं। इसलिए श्रद्धालु गण विशेष रूप से तुलसी की आराधना करते हैं।
इस महीने में स्नान के बाद तुलसी तथा सूर्य को जल अर्पित किया जाता है एवं पूजा-अर्चना की जाती है।तुलसी के पत्तों का सेवन से शरीर निरोगी रहता है।वस्त्र और पूजन सामग्री के सहित तुलसी के पौधे का कार्तिक महीने में दान बहुत उत्तम होता है।
तुलसी के पौधे के पास सुबह-शाम दीपक भी जलाना चाहिए।तुलसी का पौधा यदि घर के मुख्य दरवाजे पर है तो किसी भी प्रकार का रोग तथा व्याधि घर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं। तुलसी अर्चना से न केवल घर के रोग, दुख दूर होते हैं अपितु अर्थ,धर्म,काम तथा मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।
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संपादकीय