तुमने मुझे क्यों चुना?
तुमने मुझे चुना और फिर मुझे दु:ख पहुँचाया।
तुमने कहा था कि तुम मेरे साथ रहोगे।
तुम्हारा एक और झूठ कौन सा था?
मैं क्यों?
तुमने किसी ऐसे व्यक्ति को क्यों चुना जिसे तुम पीठ में छुरा घोंप सको।
मैं इसीलिए किसी से भी उम्मीद नहीं रखती।
मुझे लगा कि तुम मेरे लिए हमेशा मौजूद रहोगे।
तुमने कहा था कि तुम जानते हो कि मैं क्या कर रही हूं
तो तुम अब मेरी मदद क्यों नहीं कर रहे हो?
तुमने मेरी मदद करने का चुनाव क्यों किया?
जब तुम्हें अब वाकई परवाह नहीं है!!
तुमने मुझे ऐसे फेंक दिया जैसे मैं कचरा हूँ
मैं ही क्यों?
तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया?
मैं तुम्हें अब और नहीं समझता
तुम बदल गए हो और तुम्हें परवाह नहीं है कि क्या हो रहा है
तुमने मेरी मदद करने का चुनाव क्यों किया?
सच? मैं ही क्यों?
तुमने कहा था कि तुम समझते हो कि क्या हो रहा है
तुमने वाकई मुझे दुख पहुँचाया
तुम्हारे वादे झूठे निकले, मुझे ही क्यों चुना
तुमने मुझसे वादा किया था कि तुम मेरी मदद करोगे
तुमने कहा था कि मेरे से प्यार सदा रहेगा
फिर क्यों छोड़ा मुझे?
तुम अपना वादा भी नहीं निभा सके
मैं ही क्यों?
तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया?
Written by- Debanjali adhikary
New Delhi
Tags:
संपादकीय