नुक्कड़ की चाय

नुक्कड़ की चाय 
अक्सर   लोगों  की  मन पसंद  , 
मानी जाती नुक्कड़  की  चाय  । 
सही  समय पर नहीं  मिली तो  , 
मच    जाती   है   हाय  !  हाय  ! 

फलों  के   रस   बड़े  लाभप्रद  , 
परंतु   चाय  उससे   भी प्यारी  । 
व्यंजन भी कई  बहुत  स्वादिष्ट , 
बिन  चाय  अधूरी खातिरदारी  । 

चाय नुक्कड़ के दिव्य स्थल पर , 
अक्सर होती राजनीतिक चर्चा  । 
किस   पार्टी   के   लिए  कौन  ? 
इस   बार  भरेगा  अपना  पर्चा । 

अबकी   कौन  बनेगा   सी. एम .
गृह मंत्री पद देखो  कौन पा रहा।
कौन होंगे नए मनपसंद मंत्रीजी ,
किस मंत्री  जी  का पद जा रहा।

घर  , बाहर , गली , मुहल्लों  की , 
रहती   शुरू   अंतहीन   कहानी । 
घर  गृहस्थी के संबंधित  किस्से  , 
इस  बीच  अनवरत  चाय पानी  । 

चाय  ही  टाॅनिक  कलियुग  का  , 
स्वागत  का  एक साधन अच्छा  । 
नुक्कड़  की  चाय  बहुत   सुंदर  , 
पसंद  करे  हर  आशिक  सच्चा । 
 
कवि-  चंद्रकांत पांडेय
मुंबई / महाराष्ट्र  

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