सब पढ़ें, आगे बढ़ें "विश्व साक्षरता दिवस"
कोई भी हो मजबूरी , शिक्षित होना बहुत जरूरी ।
विद्वानों का यही कथन , विद्या है सर्वोत्तम धन ।
जन- जन ने यही पुकारा , शिक्षा से फैले उजियारा ।
एक रोटी भले कम खाओ ,अपने घर में शिक्षा लाओ ।
सभी पढ़ लिख आगे बढ़ें , जीवन मे नित नया गढ़ें ।
शिक्षा सच में अद्भुत धन, प्रसन्न रखे सदा तन , मन ।
विद्या धन अद्भुत विशेष , छीन नहीं सकते नरेश ।
भाई बाँट नहीं सकता , चोर इसे चुरा ना सकता ।
वजन बिल्कुल बढ़ता नहीं , खर्चने से घटता नहीं ।
जितना बाँटों उतना मिलता, मिलने पर चेहरा खिलता ।
शिक्षा से मिलता सम्मान , शिक्षित लोग बने महान ।
दूर भगाये यह अज्ञान , सदा बढ़ाए अपनी शान ।
अधिकारों का होता ज्ञान , कर्तव्यों की बढ़ती शान ।
शिक्षित व्यक्ति करे तरक्की, देश की भी होती प्रगति ।
अच्छे बुरे का मिले ज्ञान,शिक्षित व्यक्ति पाये सम्मान ।
कवि चंद्रकांत पांडेय, (मुंबई, महाराष्ट्र)
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