श्रमण पब्लिकेशन की पुस्तक छू लूँ मैं आसमाँ का भव्य विमोचन हुआ संपन्न

श्रमण पब्लिकेशन की पुस्तक छू लूँ मैं आसमाँ का भव्य विमोचन हुआ संपन्न

(वर्चुअल कार्यक्रम में मंचासीन अतिथियों ने दी बधाईयां)

सोनभद्र : 
 ज्ञात हो कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार श्रमण पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित प्रथम पुस्तक “छू लूंँ मैं आसमाँ”  साझा संकलन का वर्चुअल विमोचन रविवार को संपन्न हो गया। दो दर्जन से अधिक रचनाकारों ने पुस्तक की खूबसूरती और उत्कृष्ट गुणवत्ता के लिए मुख्य संपादक डॉ. विपुल कुमार भवालिया ‘विवान’ को हार्दिक  बधाईयाँ दीं। 
कार्यक्रम अध्यक्षा व श्याम साहित्य दर्पण काव्य मंच की राष्ट्रीय संरक्षिका के अगुवाई में आयोजित इस पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम भक्ति वंदना व स्वागत गान प्रस्तुत कर किया गया।
        मुख्य अतिथि की भूमिका में श्याम साहित्य दर्पण काव्य मंच के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम बिहारी मधुर, विशिष्ट अतिथि इंस्पेक्टर महेंद्र कुमार, मेहताब सिंह चौधरी, तिलक राज कालरा, एडवोकेट त्रिपुरा हाइकोर्ट कतकली राय वर्मन ने पुस्तक के प्रविष्टियों को वर्णित कर संपादक डॉक्टर विपुल को स्नेहाशीष प्रदान किए। वहीं उपस्थित साहित्यकारों में कवयित्री मनीषा श्रेयसी, प्रो. आशा पंकज मूंदड़ा, अनीता गौतम, डॉ. क्षमा पाटले अनंत, रेखा कुशवाहा, सविता रतुङी, डॉ. इंदु भार्गव, रोशनी राजपूत, मीना भारद्वाज, नेहा कुमारी, दीपा शर्मा, करुणा सिंह, प्रियंका भट्ट आदि कलमकारों ने पुस्तक की एक–एक रचना पढ़कर कार्यक्रम में चार चांद लगाया। 
        श्रमण पब्लिकेशन की संस्थापिका कविता डुमोलिया व मुख्य सलाहकार दीना राम भवालिया ने सभी को बधाई प्रेषित की।
          सीईओ पूजा आर. झिरीवाल ने छूँ लूँ मैं आसमाँ जो कि इस पब्लिकेशन की प्रथम पुस्तक है,उसके लिए सभी लेखको को बधाई दी तथा कहा कि कोई भी सफलता जो आसमान को छूती है, उसके पीछे संघर्ष की एक कहानी होती है ।सपने देखने के अवसर सभी के पास मौजूद है किंतु पूरा करने का मौका विरले संघर्षरत् लोगों को ही मिलता है। 
      संपादक डॉ. विपुल कुमार भवालिया 'विवान' ने कहा कि "छू लूँ मैं आसमाँ" पुस्तक में प्रेरक कविताएँ हैं, जो की सभी व्यक्तियों में हौसलों से जीने के साथ-साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है व पब्लिकेशन का मूल उद्देश्य मानवता को सर्वोपरि रखकर पुस्तकों को प्रकाशित किया जाएगा साथ ही साथ पुस्तक से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े लोगों को बधाई व शुभकामनाएँ प्रेषित की।
         बतौर मुख्य अतिथि श्याम बिहारी मधुर ने कहा कि श्रमण पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक अपने आप में अद्वितीय प्रशंसनीय है। इसमें निहित सामग्रियां पाठकों के मन को मोह लेने वाली हैं। यह पुस्तक निश्चित तौर पर किसी भी धर्म अथवा समुदाय से ऊपर उठकर लोगों के सर्वांगीण विकास को अनंत ऊंचाइयों में तब्दील करने में सहायक सिद्ध होगी।
         अन्त में कार्यक्रम अध्यक्षा डॉ. संगीता पाल ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में चंद पंक्तियां “जो ख्वाब देखा है उसे टूटने नहीं देना, उम्मीद का सूरज कभी ढलने नहीं देना, मंजिल तुम्हारी तेरे पास चल के आएगी, बढ़ते हुए कदम को तुम रुकने नहीं देना” प्रस्तुत कर विमोचन कार्यक्रम के समापन की घोषणा कीं।

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