नूतन वर्ष की शुभ कामनाएं (2025 )
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आनंदित, सुरभित, आलोकित पथ हो,
सुख का सतत लगे अंबार।
खुशियाँ नित मंगलचार करें,
बरसे दरवाजे असीम प्यार।
नि : शेष रहे सब इच्छाएं,
परमार्थ भावना पाए विस्तार।
सभी का प्यार मिले निरंतर,
खुशी के अवसर मिलें हजार।
चेहरा चमके ताजे गुलाब सा ,
नृत्य करे मन जैसे मयूर।
आसान बनें जीवन की राहें ,
दुःख रहें सदा ही कोसों दूर।
नवीन कार्यों को पंख लगे,
पूर्व कार्यों में मिले सफलता।
सरिता सा गतिमान जीवन रहे,
सदा पलायित रहे विफलता।
कवि- चंद्रकांत पांडेय,
मुंबई / महाराष्ट्र