नयनों में चमक आशाओं की है

नयनों में चमक आशाओं की है 
                (कविता)
आशा ही जीवन, आशा ही जीवन का सार।
आशा ही संबल, आशा ही जीवन आधार।
जीवन में सरसता कलाओं की है,
नयनों में चमक आशाओं की है।

आशा पर दुनियाॅं टिकी, आशा जीने का सहारा।
आशा  ही संजीवनी , आशा ने जीवन सॅंवारा।
चेहरों पर मुस्कान सुंदर भाषाओं की है,
नयनों में चमक आशाओं की है।

आशा विहीन मानव जीवन बिल्कुल बंजर है।
आनंद , हर्ष , सुख से वंचित खतरनाक मंज़र है।
उसकी हर दिवस रात्रि निराशाओं की है।
नयनों में चमक आशाओं की है।
कवि - चंद्रकांत पाण्डेय,
मुंबई / महाराष्ट्र 

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