नारी नही किसी से हारी
(कविता)
तोड़ के सारी जंजीरे अब हमने कदम उठाया है
गुरूर चूर चूर हुआ उसका जो हमसे टकराया है
ना कम थे हम ना कम होंगे यह हमने सबक सिखाया है
एक पेज नहीं सारी पुस्तक का हमने पाठ पढ़ाया है
इतिहास राज का राजाओं ने यूं ही नहीं लिखाया है
खामोश रही वो रानी खुद को बार-बार समझाया है
बार-बार समझाया है !
बलिदान दिया और छाती से गोली हमने छानी हैं
फिर क्या सोचा क्या समझना तुम्हें लगा हम पानी है
देश के रखवाले जो झेल रहे थे गोले
अब दुश्मन खुद से बोले देश के भीतर भी है शोले
इतिहास रचेगा बार-बार जो उसने हमको जाना है
अब किसे मिटाना किसे बचाना यह हमने पहचाना हैं
यह हमने पहचाना हैं !!
- प्रियंका पटेल
तेंदूखेड़ा नरसिंहपुर (म.प्र.)
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