विश्वकर्मा भगवान का अवतरण दिवस (10 फरवरी 2025) पर विशेष रचना

विश्वकर्मा भगवान का अवतरण दिवस (10 फरवरी 2025) पर विशेष रचना 
      आज अवतरण दिवस है, विश्वकृत का खास।
      जिसकी रचना से हुआ, जग में आज प्रकाश ।।

       ऋषियों को उपकृत किया, देकर ज्ञान विशेष।
       युगों युगों से व्याप्त रही, उनकी कीर्ति अशेष ।।

       शक्ति के प्राकट्य से, हर्षित हुआ दिगंत ।
       उनके कौशल ज्ञान से , खुशियाँ मिली अनन्त।।

       वेदों में यह ज़िक्र है, शिल्पाचार्य के यज्ञ।
       मनु मय त्वष्टा पैदा किए, शिल्पी संग दैवज्ञ ।।

       शिल्प कर्म संभव किया, जगत का विस्तार।
       पुरियों का निर्माण कर, हुए योजनाकार।।

       अस्त्र शस्त्र देकर किया, देव दनुज उपकार।
       माना शुक्राचार्य ने, उस शक्ति का आभार।।

       श्रम कौशल तकनीक का, उनका अद्भुत ज्ञान।
       अमूर्त को, मूर्त किया, सृष्टि सृजक भगवान।।

       गर्भों में सब जीवों को, देता वही आकर।
       उनकी शक्ति से बढ़ी, प्रकृति विविध प्रकार।।

       कालों का वह महाकाल, लेते सब संज्ञान।
       सब पंथों व संप्रदाय ने, खूब दिया है मान ।।
 रचनाकार : डॉक्टर डी आर विश्वकर्मा 
   सुन्दरपुर -वाराणसी -05

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