आओ बैठो पास हमारे ...
किन कार्यों में व्यस्त हुए हो ,
हम तो तेरे प्यार सहारे।
प्रियतम समय नहीं कटता,
आओ बैठो पास हमारे।
तुम राम हमारे ,कृष्ण हमारे,
हमें मिला तेरा आधार।
अब तेरा ही एकमात्र सहारा,
तुम्ही जीवन के मूलाधार।
मेरे कान्हा, नटवर , नागर ,
पतिदेव आपसे बढ़कर कौन।
आओ बैठो कुछ सुख -दुःख बांटे,
अकेले कब तक बैठूं मौन।
उम्र यही सबसे सुंदर ,
मौका भी यह आलीशान।
कामदेव से सुंदर मेरे सजना,
प्यार करें मुझे अविराम।
सुंदर ऋतु ,सुंदर माहौल,
बार- बार मेरा प्यार पुकारे।
मौका और दस्तूर भी है,
आओ बैठो पास हमारे ।
कवि- चंद्रकांत पाण्डेय,
मुंबई, महाराष्ट्र,
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