विश्वकर्मा कुल

विश्वकर्मा कुल 
अद्भुत कुल व वंश हमारा, 
विश्व पटल की शान है ।
पाँच रंग से बना पताका,
कुल की वह पहचान है ।।

यांत्रिकी व सृजनशीलता 
अभियांत्रिकी की जान हैं ।
इसीलिए तो सब पंथों में,
 विश्वकर्मा वंश महान है ।।           

सुख के साधन निर्मित कर 
अखिल जगत की शान हैं ।
कल-कारखाने,कारीगरी 
कुल की अपनी आन है ।।

युगों युगों से नाम हमारा,
अपना कुल गुणवान है ।
न जाने क्यों चंडालों ने,
कमतर क्यों की,मान है।।

जिसके अस्त्र शस्त्र से ही 
असुरों का अवसान है ।
वेदों में वर्णित अपना कुल 
जिस पर हमे गुमान है ।।

सभ्य सुसंस्कृत बने सभी,
इस कुल का अवदान है।
हमको शुद्र समझने वाले 
ख़ुद पथभ्रष्टी,बेईमान है ।।

रचनाकार: डॉक्टर डी आर विश्वकर्मा 
      सुन्दरपुर -वाराणसी -05

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