बासन्त नवरात्र (कलश स्थापना, तथा व्रतादि का निर्णय )
30 मार्च 2025 रविवार को नव वर्ष का प्रारंभ तथा बासंत नवरात्र का प्रारंभ हो रहा है। २९ मार्च से प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ होकर३० मार्च को अपराह्न २:१८ बजे तक प्राप्त है । उदयातिथि होने के कारण आज (३०मार्च ) को भोर ३:३० से दिन २:१८बजे तक कलश स्थापना, दुर्गा मूर्ति प्रतिष्ठा तथा पूजन, पाठ का प्रारंभ किया जा सकेगा ,साथ ही आज नवरात्र के प्रथम दिन का व्रत भी किया जाएगा। नौ दिन व्रत रहने वाले भी ३०मार्च से ही व्रत प्रारम्भ करेंगे। प्रथम दिवस व्रत करने वाले ३१ मार्च सोमवार को सुबह ५:५३ के बाद शीघ्र पारण करेंगे।
विशेष - जो लोग नवरात्र में कलश स्थापना के विशेष मूहूर्त की अपेक्षा रखते हैं उनके लिए कुंभ,मीन लग्न में (समय-भोर ५:००बजे से ६:४४तक। ) तथा वृष और मिथुन लग्न में (समय-८:१७से १२:२७तक ) कलश स्थापना करना समुचित होगा ।
*दुर्गाष्टमी व्रत* -महाष्टमी या दुर्गाष्टमी व्रत ५अप्रैल २०२५ शनिवार को उदय व्यापिनी अष्टमी में किया जाएगा, बटुक कुमारी भोजन , अष्टमी में हवन करने वाले आज ही हवन पूर्णाहुति करेंगे। अष्टमी व्रत का पारण ६ अप्रैल को सूर्योदयकाल ५:४८ के बाद करना चाहिए।
महानवमी, रामनवमी तथा दुर्गा नवमी व्रत
६ अप्रैल को सूर्योदयकाल में तथा दिवस पर्यन्त नवमी प्राप्त होने से महानवमी रामनवमी तथा दुर्गा नवमी का व्रत किया जाएगा , प्रारंभ और अंत में व्रत करने वाले आज समापन व्रत करेंगे साथ ही आज दुर्गा पाठ समापन ,हवन पूर्णाहुति ,दान दक्षिणा तथा मंत्रों से आवाहित देवताओं का विसर्जन किया जाएगा,
दुर्गा मूर्ति विसर्जन- दुर्गा मूर्ति विसर्जन और कलश विसर्जन ७ अप्रैल सोमवार को होगा ।
*पारण* -नौ दिन व्रत करने वाले तथा राम नवमी,महानवमी या दुर्गा नवमी का व्रत करने वाले ७ अप्रैल सोमवार को प्रातः काल सूर्योदय ५:४८बजे के बाद व्रत का पारण करना फलदाई होगा
Prof BrajendraMishra Astrologer