कविता - ( विश्व कविता दिवस पर विशेष
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बचपन से ही सुनते आए , सुंदर प्यारी होती कविता ,
तरह तरह का वर्णन करती,बहुत न्यारी होती कविता ।
दिल के सुंदर भाव जगाकर,मन को यह हर्षित करती ,
हर उम्र की बड़ी पसंद, बहुत दुलारी होती कविता ।
सूर्योदय के सुन्दरता का, वर्णन करती अच्छी कविता,
कभी सांध्य सुंदरता का, चित्रण करती सच्ची कविता।
मातृभूमि से प्यार सिखाती,देशभक्ति बरसाती कविता ,
देशभक्ति, अनुराग भाव , सृजन करती अच्छी कविता।
सूर, कबीर, तुलसीदास की , सुंदर भावभरी रचना ,
प्रसाद, पंत,निराला जी की, सरस ,अलंकारिक रचना।
दोहा, सोरठा , बरवै, छप्पय , छंदबद्ध प्यारी रचना ,
सवैया, कवित्त , हरिगीतिका , चौपाई, घनाक्षरी रचना।
अनुप्राश ,यमक , श्लेष वाली,भावप्रधान सुंदर कविता,
उपमा, उत्प्रेक्षा ,संदेहयुक्त ,मानवीकरण प्रखर कविता।
श्रृंगार,हास्य,करूण की, ओजस्वी भावप्रवण कविता ,
रौद्र , वीर , भक्तिवाली , भाव जगाती सुंदर कविता ।
शांत रस , वात्सल्य रस की , मन प्रसन्न करती कविता,
दुःख के कठिन समय में भी, मन,भाव बदलती कविता।
अत्यंत प्रेरक , भावपूर्ण , छंद विहीन भी होती कविता ,
समाज का सजीव चित्रण करती,दर्पण सी होती कविता।
कवि चंद्रकांत पांडेय,
मुंबई ( महाराष्ट्र )
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संपादकीय/ कविता