मां तो मां होती है
मां थोड़ी ना हमें कुछ होने देती है
चैन सुकून हर दर्द की दवा मां होती है
कहां अपने होते हुए हमें रोने देती है
मा तो मां होती है
मां थोड़ी ना हमे कुछ होने देती है
कभी हमें आंचल में सुलाकर समझाती बुझाती है
कभी हमें सीने से लगाकर दिल को बहलाती है
प्यारे ख्वाब दिखाती है बेरंगी दुनिया में रंगों को लाती है
मजबूत सा साया मां होती है
घर का दामन मां होती है
बेखौफ सी दुनिया मां होती है
किस्मत की चाबी मां होती है
हर घूंट का प्याला मां होती है
गर मा को मेरी किस्मत लिखने का हक मिले
तो दुनिया की सारी खुशियां लाकर रख दे मेरे कदमों तले
मा तो मां होती है
मा थोड़ी ना हमें कुछ होने देती है !!
- प्रियंका पटेल
(तेंदूखेडा नरसिंहपुर म.प्र)
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संपादकीय/ कविता